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चक्के तले

हरमन हेस

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :158
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8387
आईएसबीएन :0

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चक्के तले पुस्तक का किंडल संस्करण

Chakke Tale - A Hindi EBook By Hermann Hesse



एक तरह से इस उपन्यास को हेस्से का आत्मकथात्मक उपन्यास भी कहा जा सकता है। कथा-नायक हंस गीबनराठ की भाँति हेस्से ने भी चौदह वर्ष की आयु में ७९ परीक्षार्थियों में दूसरे स्थान पर रहते हुए लांडेसएक्ज़ामेन की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद वह एवांगेलिक-थेओलॉजिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए गए। (बाद में वह पादरी बने–यह उनके पिता की इच्छा थी।) लेकिन हेस्से अपने उपन्यास-पात्र हेरमन हाइलनर की भाँति वहाँ से भाग गए। अंततः वहाँ की पढ़ाई को उन्होंने तिलांजलि दे दी। उपन्यास में वर्णित प्राकृतिक दृश्य उनके जन्म-स्थान दक्षिण जर्मनी के काल्व नगर के इर्द-गिर्द के हैं।

वर्तमान शिक्षा पद्धति और उसके चलते विद्यार्थियों में व्याप्त तनाव के संदर्भ में यदि इस उपन्यास का मूल्याकंन किया जाता है तो मेरे लिए यह संतोष की बात होगी।
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